मेरी मंज़िल__

आँखों में रहा दिल में उतर कर नहीं देखा__
कश्ती के मुसाफ़िर ने समुंदर नहीं देखा__
जिस दिन से चला हूँ मेरी मंज़िल पे नज़र है__
आँखों ने कभी मील का पत्थर नहीं देखा__

Untold Feelings
#Lines_By_Faraaz

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