ना जाने कौन शरमा रहा है, यूँ फुर्सत में याद करके,
कि हिचकियां आना तो चाह रही है,पर हिचकिचा रही हैं।
Go to Home !
©#Lines_By_Saem
तल्ख़ रास्ते तय करके, मन्ज़िल तक तू पहुँच पाए__
मैं भी पत्थर बन जाऊं, हालात ज़रा सम्भल जाए__
मजबूरी के साँचों में, रफ़्ता-रफ़्ता तू ढ़ल पाए__
ना आए यादों के आँसू; बस,इतनी सी तू बदल जाए__
Untold Feelings
©#Lines_By_Kw
लाखों बातें करके भी दिल जुड़ नहीं पाते,
और रिश्ता जोड़ते वक्त महज कबूल कहते हैं।
Untold Feelings
©#Lines_By_Saem
मैं शब्दों में हर उस रात बहा हूँ__
मैं सहसा चाँद__
नीत सूरज-सा जला हूँ___
Go to Home !
©#Lines_By_Kw