चाँद के पार__

ऐ खुदा,
चाँद के पार गया वो, वापिस क्यों नहीं आता,
आँखों में है आँसूं, पर; रोया क्यों नहीं जाता।।
कर लूँगा इंतेज़ार उसका, खुदा के घर में ही,
रास्ता-ए-जन्नत, सँजोया क्यों नहीं जाता।।
©#Lines_By_Anand

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