चला हूँ मुसाफ़िर,कश्ती में__हिस्सा एक डूब जाना भी अच्छा है__ डरता हूँ अश्क़-ए-ईशरत से__मेरा घबराना भी अच्छा है__ बेशक़ बेअदबी से पेश आ साहिल__तेरा नज़राना भी अच्छा है__ मैं पार पा लूँगा, डुबाकर खुद को__तेरा इतराना भी अच्छा है__ तेरा डर जाना भी अच्छा है__