तल्ख़ रास्ते तय करके, मन्ज़िल तक तू पहुँच पाए__
मैं भी पत्थर बन जाऊं, हालात ज़रा सम्भल जाए__
मजबूरी के साँचों में, रफ़्ता-रफ़्ता तू ढ़ल पाए__
ना आए यादों के आँसू; बस,इतनी सी तू बदल जाए__
Untold Feelings
©#Lines_By_Kw
मैं भी पत्थर बन जाऊं, हालात ज़रा सम्भल जाए__
मजबूरी के साँचों में, रफ़्ता-रफ़्ता तू ढ़ल पाए__
ना आए यादों के आँसू; बस,इतनी सी तू बदल जाए__
Untold Feelings
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