ख्वाब__

क्यूँ मेरी रातों के परिन्दें बेशजर हो गए__
नींदें बंज़र औ" ख्वाब समंदर हो गए__
मैंने कहा था इनसे के जागते रहना__
ख्वाब सो के उठे तो चद्दर हो गए_
Untold Feelings
©#Lines_By_Paraag

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