तैरा न था__

चलते-चलते सूखा जो दरिया न था,
घिरा था बादल मगर बरसा न था__
डूब कर उछला नहीं जो एक बार,
डूबा ही था वो कभी तैरा न था__ 
Untold Feelings 
©Lines_By_MrSachdeva 

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